Saturday, 21 January 2017

माँ दुधाखेडी मंदिर की घटना को प्रदर्शित करती कुछ पंक्तियाँ


 करोड़ो भक्तो की भक्ति व आस्था का केंद्र दुधाखेडी माता जी का मंदिर जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन के मास्टर प्लान के तहत ध्वस्त हो गया जिसमें माँ दुधाखेडी की पावन मूर्ति नष्ट हो गई, उसी संदर्भ को प्रदर्शित करती मेरी कुछ पंक्तियाँ




छत्र गिरा है माँ दूधा का, अब ये सहन नही होगा।
नवनिर्माण का ढोंग रचाकर, श्रद्धा का हनन नही होगा।।

भानपुरा के समीप लगा है माता रानी का दरबार।
आते उसमे दीन-दुखी सब, सब जगह जाते जो हार।।

दुखियो के दुःख दैन्य मिटाती, जो दर माँ के जाता है।
पापियों को सबक सिखाती, ऐसी दूधा माता है।।

हे माँ दुर्गा घड़ी समीप है, दुष्टो का संहार करो।
भ्रष्टाचार की ललक जगाने वालो पर अभिश्राप करो।।

जन भावना के साथ खेलते, अधिकारी सब दोषी है।
दैत्य बन मंदिर ढहाने वाले सब ही दोषी है।।

मत करो विकास ऐसा की देव भी ना बच पाये।
मत रचाओ निर्माण का ढोंग की, दानव हावी हो जाये।।

हे माँ दुर्गा कुछ तो ऐसा चमत्कार कर दिखलाओ।
दुष्ट दानव बन बैठे जो उनको चलता कर जाओ।।

"पवन" को विश्वास अटल है, दूधा माँ की भक्ति से।
नही बचेंगे पापी कोई, दूधा माँ की शक्ति से।।

पवन सिंह "अभिव्यक्त" ,मन्दसौर
मो. 09406601993

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