Thursday, 9 November 2017

रानी पद्मावती के जीवन चरित्र पर कविता



सिंहल के राजा की बेटी, 
और चित्तौड़ की महारानी।
मुगलों के सिंहासन कांपे,
ऐसी थी वो क्षत्राणी।।1।।

यायावर भाटो के मुख से,
जिसका गान निकलता था।
दिल्ली के दरबारों में भी,
उच्च स्वर में बसता था।।2।।

ऐसी रानी पद्मिनी का,
यह इतिहास निराला है।
संजय तूने उस देवी का,
यह क्या चित्रण कर डाला है।।3।।

नाच नचाए घूमर खेले,
ऐसी ना क्षत्राणी थी।
शमशीरो से बात करें जो,
ऐसी सती वो रानी थी।।4।।
 
उस देवी के सुन बखान को,
खिलजी भी ललचाया था।
धोखेबाज वह धूर्त प्राणी,
नाक रगड़के आया था।।5।।

बोला मुझको दर्शन दे दो,
हे देवी महारानी।
सीधे दर्शन को मना कर गए,
वह रतन सिंह भी अभिमानी।।6।।

तालाब तीर पर एक झरोखा,
खिलजी का बनवाया था।
उसमे रानी पद्मिनी का,
चित्रण उसे कराया था।।7।।

मंत्रमुग्ध हो गया वो खिलजी,
मन में उसके पाप उठा।
देख चमक देवी रानी की,
लेने को संताप उठा।।8।।

रतन सिंह जी बड़े दयालु,
खिलजी को छोड़ने आए थे।
मुगलों से यारी ना करना,
यह गीत ना उन्हें सुनाए थे।।9।।

कैद किया अब महाराजा को,
और पद्मिनी मांगी थी।
रतन सिंह की कीमत उसने,
राजपूती से आंकी थी।।10।।

गोरा बादल का त्याग सकल,
जो युद्ध किया और जीत पाए।
पद्मिनी उसके हाथ ना लगी,
और रतन सिंह जी घर आए।।11।।

ललचाया खुजलाया खिलजी,
वापस दिल्ली लौट गया।
और बवंडर सेना लेकर,
वापस वो चित्तौड़ गया।।12।।

हाहाकार मच गई महल में,
सारे क्षत्रिय बलिदान हुए।
कट जाएं पर झुके ना गर्दन,
राजपूती का मान हुए।।13।।

गढ़ की दीवारों में फिर,
कुंड सजा वो जोहर का।
क्षत्राणीयो ने व्रत निभाया,
संकल्प लिया जो जोहर का।।14।।

हुतात्मा हम तो हो जाएं,
पर देह ना उसको देंगे हम।
उस पापी नरभक्षी खिलजी से,
पूरा बदला लेंगे हम।।15।।

 

ले हवस की आंखें खिलजी,
रजपूती में आया था।
देख क्षत्राणीयो का जोहर,
पूरा वह बौखलाया था।।16।।

युद्ध लड़े बलिदान हुए,
सेना इतनी मारी थी।
उस खिलजी की हवस तो देखो,
सारी दुनिया से हारी थी।।17।।

ऐसा पावन है इतिहास,
जिसे तोड़ ना पाएंगे।
भंसाली जैसे फिल्मकार,
इतिहास मोड़ ना पाएंगे।।18।।

रजपूती की मान की खातिर,
सारे हिंदू जग जाएं।
वरना ऐसे नाच नचइयो,
के आगे सर झुक जाए।।19।।

आज झुका तो कल कटने में,
देर नहीं फिर लगनी है।
आज समर जो हुआ अकेला,
ताकत फिर ना जगनी है।।20।।


सकल देश का मान पद्मिनी,
कैसे कोई अपमान करे।
आओ हम सब चले साथ में,
उस देवी का सम्मान करें।।21।।
उस देवी का सम्मान करें।।

महारानी पद्मिनी का इतिहास पढ़ने के लिए Click करें: https://pawansingh93.blogspot.com/2017/01/blog-post_30.html

ऊपर उल्लेखित कविता सुनने हेतु Click करें:-  https://youtu.be/ugy-UIQMIWM


-पवन सिंह "अभिव्यक्त"

Wednesday, 8 November 2017

नोटबन्दी के एक साल की उपलब्धियां

नोट बंदी की घोषणा 8 नवम्बर2016

नोटबंदी या डीमोनेटाइजेशन जिसे विमुद्रीकरण की प्रक्रिया भी कहते हैं, "कानूनी रूप से किसी मुद्रा को अमान्य करके उसके स्थान पर नई मुद्रा का प्रचलन करना विमुद्रीकरण कहलाता है"।

देश में जब भ्रष्टाचार बढ़ता है, नोटों की जमाखोरी बढ़ती हैं, तब ऐसा करना जरूरी होता है। पुरानी मुद्रा को हटाकर दैनिक जीवन में, बैंक की प्रक्रिया आदि में नई मुद्रा का प्रचलन किया जाता है,जिससे कि सरकार के टैक्स में सहायता होती हैं जो देश में विकास की योजनाओं में सहायता प्रदान करता है, बैंकों के पास निवेश की ताकत बढ़ती हैं, भ्रष्टाचार पर लगाम लगती हैं। कुल मिलाकर विमुद्रीकरण की प्रक्रिया किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में प्राण वायु का काम करती है, जो कि समय-समय पर जरूरी है।।

8 नवंबर 2016 मंगलवार की शाम 8:00 बजे तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय चैनल पर आए किसी को आशा नहीं थी कि वह क्या कहने वाले हैं। सारा देश उनको सुनने के लिए आतुर था, परंतु उनके भाषण में जैसे ही तत्काल प्रभाव से अर्थात 8 नवंबर रात्रि 12:00 बजे से ₹500 व ₹1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की सारा देश स्तब्ध रह गया।
किसी को कुछ नहीं सूझ रहा था, जिसके पास नोट थे, वे उन्हें कैसे भी ठिकाने लगाने के लिए, उनको जमा कराने के लिए रास्ता खोज रहे थे। कहीं जगह तो रात में बैंक के भी खोली गई। 



विमुद्रीकरण की यह प्रक्रिया हमारे देश में पहली बार नहीं की गई थी, इससे पहले भी देश की आजादी से पहले सन 1946 में उस समय के प्रचलित नोटों को बंद करके नई मुद्रा का प्रचलन प्रारंभ किया गया था, जिसे 1954 में बंद करके 1946 में बंद की गई ₹1000, ₹5000 व ₹10000 की पुरानी मुद्रा का पुनः प्रचलन शुरू किया गया जिसे सन 1978 में मोरारजी देसाई की सरकार में जालसाजी व काले धन पर अंकुश लगाने के लिए बंद कर दिया गया था।
8 नवंबर की रात्रि जब नोटबंदी की घोषणा की गई तो सरकार को घेरने के लिए विपक्षियों को एक बहाना मिल गया था। विपक्षियों विरोधियों के बयान आने प्रारंभ हो गए और उन्होंने ऐसा अनुभव कराया कि जैसे देश में आपातकाल की घोषणा हो गई हो जिन लोगों ने आपातकाल का अनुभव किया शायद उनका ध्यान यहाँ नहीं था कि से पहले भी समय-समय पर यह पद्धति अपनाई गई है।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को 50 दिन अर्थात 31 दिसंबर तक का समय देकर आराम से पुराने नोट जमा कराने की मोहलत दी।  50 दिन में धीरे धीरे सब कुछ सामान्य हो गया, ना भीड़ रही, ना कोई धमाल, ना किसी प्रकार की कोई बैंकों के बाहर लाइन, सब तरफ एक अजीब सी शांति थी, जिसमें गर्व का अनुभव हो रहा था कि देश को एक ऐसा प्रधान सेवक मिला है जिसने वोट बैंक की चिंता ना करते हुए इतना बड़ा फैसला लिया और वह भी उस समय जब सारा देश सालों से भ्रष्टाचार, चाटुकारिता का आदि हो चुका था।  सत्ता के लिए कुछ भी करने को तैयार राजनीतिक पार्टियों के बीच इतना बड़ा फैसला लेने की हिम्मत किसी में नहीं थी।

नोटबन्दी के कारण अर्थव्यवस्था में से बड़े नोटो का अनुपात घटने से हवाला कारोबार पर रोक, भ्रष्टाचार पर अंकुश, घुसपैठ, आतंकवादी, उग्रवादी घटनाओं पर लगाम, कश्मीर में सेना के जवानों पर होती पत्थरबाजी की घटनाओं मेें कमी आई है, जिसके कारण आज आम जनता सुख चैन की सांस ले पा रही हैं।
नोटबंदी के बाद देश में एक अच्छे और सकारात्मक माहौल का निर्माण हुआ। नोटबंदी का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा। नोट बंदी होने के बाद कालाधन, नकली नोट की समस्या से निजात मिला जिसके आज 1 वर्ष बाद बहुत कुछ बदला हुआ दृष्टिगोचर हो रहा है। आज देश विश्वगुरु की राह पर अग्रसर हो रहा है, इसका एक बड़ा कारण नोटबंदी भी है।
नोटबंदी के समय कुछ परेशानियां जनता ने, देशवासियों ने अनुभव की जो कि जायज भी थी, परन्तु हमारे पुराने मकान को तोड़कर यदि नया घर बनाना हो तो परेशानी तो होती है, फिर यहां तो देश का निर्माण करना है जो कि वर्षों से भ्रष्टाचार,घोटालों से चल रहा था। इसमें सरकार, नेता केवल घर भरने के लिए आते थे।
पर आज परिस्थितियां बदली है, देश बदल रहा है इसलिए कुछ समय की तात्कालिक परेशानियों को छोड़कर देश आगे बढ़ने के लिए यदि कुछ छोटे-छोटे नोटबंदी जैसे तरीके अपनाता है, तो उसके लिए देश की जनता को सहर्ष रूप से सरकार का सहयोग करना चाहिए।।

-पवन सिंह "अभिव्यक्त"

Thursday, 2 November 2017

Whatsapp में आया नया फीचर


देश और विश्व के सबसे प्रचलित सोशल साइट
व्हाट्सएप पर समय समय पर बहुत बदलाव हुए है।
कुछ बदलाव ऐसे है जिनकी वास्तव में लोगो को आवश्यकता थी।।
एक ओर नया सिस्टम जुड़ा है वो भी आपको बता दु
आपके द्वारा भेजे गए संदेश को यदि आप हटाना (डिलीट) करना चाहते है तो अब ये आपसे तीन ऑप्शन मांगेगा
1. Delete for me- मतलब की केवल आपके लास से डिलीट होगा
2. Cancel-  मतलब डिलीट नही करना
 ओर
3. Delete for everyone- मतलब की आपके द्वारा भेजे गए संदेश को आप यदि सबके पास से डिलीट करना चाहते है तो इसका उपयोग कर सकते है।।। कभी कभी जल्दी में या गलती से कोई msg वहाँ फॉरवर्ड या send हो जाता है जिसे हम नही चाहते भेजना, ऐसी स्थिति में अब व्हाट्सएप ने एक नया सिस्टम जोड़ा है, जिसमे आप अपने द्वारा भेजे गए संदेश को send करने के 5 मिनिट के अंतराल में यदी डिलीट कर देते है तो सामने वाले के पास से भी डिलीट हो जाएगा।।
किसी को भी कोई संदेश गलती से जल्दी में भेज गया ओर से डिलीट करने चाहते है तो इससे कर सकते है,
इसके डिलीट करने के बाद सामने वाले को आपका संदेश नही दिखेगा।।।
 अपडेट करने के बाद आपको व्हाट्सएप में symbol भी कलरफूल देखेंगे।


so Plz Update your whatsapp and enjoy it..

-पवन सिंह "अभिव्यक्त"