Friday, 24 February 2017

तेरे चरणों की धुली हूँ तो, ये भी मुझे गंवारा है।

तेरे चरणों की धुली हूँ तो,
ये भी मुझे गंवारा है।
हे शिव! तुझसे कौन जीते,
सारा जग तुझसे हारा है।।

हे देवो के देव शिवा,
कैलाशपति निरंकारी।
भक्तो के दुःख हरने वाले,
दुष्टो के अति भयंकरी।।
तू शाश्वत स्वामी है सबका,
और सारे कष्टो को हर्ता।
सारे जग से कष्ट मिटाये,
सुख वैभव हर घर में कर्ता।।
तुझसे दूर जाये ना कोई,
तेरी महिमा अपरम्पारा है।।
तेरे चरणों की धुली हूँ तो,
ये भी मुझे गंवारा है।।


दुनिया की रंगत न्यारी बाबा,
तू उन सबसे न्यारा है।
कैलाश विराजे देवपति,
तू जग में सबसे प्यारा है।
ओगड़दानी और भस्मरमैया,
भूतो के संग रहने वाले।
जगचिंतक जग कष्ट निवारक,
शिवबाबा तुम हो निराले।।
तेरे दर्शन मात्र से बाबा,
दुःख सागर को तारा है
तेरे चरणों की धुली हूँ तो,
ये भी मुझे गंवारा है।।


तुझको पुजे तुझको मानें,
वो हर इच्छा पा जाता है।
जो तेरी भक्ति में बहता,
तेरा ही हो जाता है।।
अहसास जिसे तेरा मन में,
वो पाप मुक्त हो जाता है।
तेरी धुन में रमने वाला,
कष्टो को ना पाता है।।
हर पल मेरे संग में रहना,
"अभिव्यक्त" का तू ही सहारा है।।
तेरे चरणों की धुली हूँ तो,
ये भी मुझे गंवारा है।।


  पवन सिंह"अभिव्यक्त"


7 comments:

  1. जय श्री महाकाल। शिवा शंभु कलम में औज बनाये रखे। 🔥🙌🙌

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  2. wonderful selection of words

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  3. जोरदार भाईसाब जय श्री महाकाल

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