Thursday, 23 February 2017

भारत- विश्व की उभरती शक्ति का केंद्र बिंदु

भारत की वैज्ञानिक परम्परा विश्व की सबसे प्राचीन परंपरा है। ईसा के भी लगभग 3000 वर्षो पूर्व चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट, नागार्जुन जैसे महान पुरुषों की नित नई खोजो, प्रयोगों से भारत विश्व को ज्ञान देता था। हमारे देश का चिकित्सा विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन, यांत्रिकी, खगोल विज्ञान आदि सभी क्षेत्रों में हम सबसे अग्रणी थे और समय समय पर महान वैज्ञानिको ने अपना योगदान देकर इस भारत भूमि को अपने प्रयोगों से उद्दीप्तमान किया, परन्तु समय ने करवट ली और मुगलो के आक्रमण, फिर अंग्रेजो की दासता की जंजीरों में भारत उलझ गया और भारत की श्रेष्ठ विज्ञान परम्परा जो धीरे धीरे विदेश जाती गई। हम कोई भी नया प्रयोग करते और उसका सम्मान विदेशी ले लेते थे, और उसी से उन्होंने खूब वाहवाही लूटी।
देश की आज़ादी के बाद हम पुनः हमारे खोये वैभव को पाने में लगे और आज सारे विश्व के सामने हमारा भारत सबसे आगे और भारतमाता सबसे ऊपर नजर आती है। पोखरण में जब हमारे देश के वेज्ञानिको ने प्रक्षेपास्त्र छोड़ा था तब सारा विश्व आश्चर्य में पड़ गया था कि भारत भी ऐसा कर सकता हैं, भारत की शक्ति को कम आंकने वाले और भारत को गंवारों का देश कहने वाले भी अभी एक साथ 104 उपग्रहों के सफल परीक्षण पर नतमस्तक हुए थे। ये हमारे देश के होनहार वेज्ञानिको द्वारा रचा गया ऐसा कीर्तिमान था जिसने सारे विश्व को भारत की पावन धरती को निहारने पर मजबूर कर दिया।।
भारत विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है, यहां के युवाओं ने सारे विश्व में जाकर भारत की महानता का परिचय दिया है। नासा जैसे प्रमुख अमेरिकी अनुसन्धान केंद्र के 35% भारतीय वैज्ञानिक है जो अमेरिकी अनुसन्धान की धुरी है।

आज भारत विश्व में सबसे बड़ी उभरती शक्ति का केंद्र बिंदु है। परमाणु ऊर्जा का क्षेत्र हो या अंतरिक्ष विज्ञान की श्रेष्ठता, चिकित्सा विज्ञान की उपलब्धियां हो या कृषि के क्षेत्र में नये प्रयोग। आज सारे विश्व की निगाहे भारत पर है, आने वाले समय में भारत ही दुनिया का संचालन करने वाला है। भारतमाता पुनः विश्वगुरु के आसन पर विराजित होकर सारे विश्व पर राज करेगी और तब दुनिया को भी एक स्वर में कहना होगा- भारतमाता की जय!!


पवन सिंह"अभिव्यक्त"
मो. 09406601993

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