Thursday, 19 October 2017

बाती और दीपक की प्यार तकरार भरी बातें


●बाती ने कहा रे दीपक सुन:-
तू तो दुनिया में दिखता है।
◆बोला दीपक की सुन बाती:-
जो दिखता है वो बिकता है।
●सुनकर बाते फिर दीपक की,
बाती फिर से बोल उठी:-
तू दिखता है तो दिख जाए,
तू बिकता है तो बिक जाए।
पर मैं तिल तिलकर जलती हूँ,
और जलते में भी चलती हूँ।।
◆सुनके दीपक भी बोल उठा:-
तू जलती है ये बात सही
पर जग तेल मुझी में ढोता है।
●तेल तुझमे ढोने से क्या 
तू प्रकाश दे पाता है।
करने उजियारा दुनिया मे 
तू मेरे पास ही आता है।
◆दीपक बाती की सुन व्यथा
ऊंचे स्वर में बोल उठा:-
तू उजाला देती है,
और अंधियारा ले लेती है।
पर मैं जितना चलता हूँ,
उतना तू चल पाती है।
तपता रहता मैं घड़ी घड़ी,
तभी उजाला दे पाती है।
●बोली तुनककर बाती भी:-
मैं जलती सारी रात तभी
तू उजाला दे पाता है,
भरे हुए उस तेल में बता,
डुबकी कौन लगता है।
◆बाती की सुनकर बात ऐसी
दीपक मन्द- मन्द मुस्काया,
बोला मेरी प्यारी बाती,
ये सब तुझे किसने बताया।
तू ना मुझसे नही पराई,
तू मेरी है मैं तेरा हूँ।
बिन तेरे मैं मैं नही,
बिन सूरज का सवेरा हूँ।
●बोली बाती की रे दीपक:- 
बिन तेरे ना रह पाऊँगी।
जो तू मेरे पास नही,
मैं तमस नही हर पाऊँगी।
◆अंत में दीपक बोल उठा,
मन की गांठे खोल उठा:-
तू दिल के सारे बैर भूला,
एक दूसरे के हो जाते है।
मिटा के सारे शिकवे गीले,
आ नई दीवाली मनाते है,
हम एक दूजे में खो जाते है।
एक दूजे में खो जाते है।

दीपोत्सव की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं
ये दीवाली आपके जीवन मे खुशियों से भरी दीवाली हो।।

-पवन सिंह"अभिव्यक्त"

Wednesday, 11 October 2017

विदेशी महिला के पुत्र की विदेशी और गन्दी सोच


60 सालो तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी के उत्तराधिकारी और एक विदेशी महिला के पुत्र राहुल गांधी जहां भी चुनाव प्रचार के लिए जाते हैं, वहां कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी का बेड़ा गर्क कर के ही आते हैं। राहुल गांधी ने पिछले सालों में जहां जहां चुनाव प्रचार किया वहां कांग्रेस बुरी तरह हारी हैं और यह बात इनकी पार्टी के दूसरे बड़े नेता भी समझते-जानते हैं, परंतु इस परिवार की भक्ति से बाहर नहीं निकल पाने के कारण वह उखड़े मन से ही सही राहुल बाबा की जय जयकार करते रहते हैं।
राहुल गांधी हो तो गए 40 ऊपर के पर उनकी बुद्धि आज भी बच्चों और पागलों से भी ज्यादा खतरनाक है, अपने उल फिजूल कार्यों और बयानों के कारण तात्कालिक सुर्खियां तो बटोर लेते हैं परंतु भविष्य में गड्डा खोदकर उसमें पार्टी को गाढ़ कर ही दम लेते हैं।
जब सरकार में थे तब खूब मलाई खाई, खूब माल बटोरा और जब मनमोहन सरकार जाते-जाते दागी नेताओं वाला अध्यादेश लाई तो उसे ही फाड़कर पार्टी के विभीषण बन गए (27 सितंबर 2013),
आज गुजरात के चुनाव के लिए मंदिर मंदिर भटक रहे राहुल गांधी अपने पिता की 70वीं जयंती पर दिल्ली में बोले कि "मंदिर जो लोग जाते हैं वह लड़कियां छेड़ने जाते हैं।"कभी खुद ही हंसी के पात्र बनकर फटा कुर्ता दिखाते हैं।।
https://pawansingh93.blogspot.com/2017/01/blog-post_19.html

उनकी समझ तो कुछ है ही नहीं पर इनके सहयोगी भी इनके मजे लेने से नहीं चूकते वो लोग भी ऐसी स्क्रिप्ट लिखते हैं कि बेचारे राहुल गांधी फंस जाते हैं।
गुजरात चुनाव में धुआंधार प्रचार में लगे गांधी ने कल बड़ोदरा में अपनी मूल भावना, मूल्य सोच और जन्म की प्रवृत्ति दर्शाने वाला बयान देकर सुर्खियां बटोरने की कोशिश की। RSS के ज्ञान के मामले में शून्य गांधी ने कल बड़ोदरा में कहा कि "RSS में कितनी महिलाएं हैं, उनको अपनी आपने कभी शाखा में शॉर्ट्स में देखा है?? मैंने तो नहीं देखा??"



अब इनको कौन बताए कि RSS की एक महिला इकाई भी है जिसकी पोशाक पारंपरिक वेश हैं। इनकी मां वाला शॉर्टस-बिकनी नहीं। 
राहुल का यह बयान उनकी मानसिकता को बताता है जो व्यक्ति कभी पोर्न स्टार के साथ दिखता हो, कभी संसद के महत्वपूर्ण सत्रों को छोड़कर महीनो विदेश में छुट्टियां मनाता हो,वह क्या यहां के परंपरागत वेश को समझेगा।

उसे मां बहन तो दिखती नहीं उसे चाहिए शॉर्ट्स वाली पोर्नस्टार स्पेनिश नतालिया रोमास जैसी बालाएं।।
राहुल की पार्टी के लोगों को अब तो संभल जाना चाहिए और इस दिमागी पागल आदमी को जल्दी से रिटायरमेंट देना चाहिए वरना 2014 में 47 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इनकी हरकतो से वो आंकड़ा 4 पर ले जाएगी तब ना विपक्ष बचेगा, ना देश में कांग्रेस।कांग्रेस मुक्त भारत का नारा भले बीजेपी ने दिया हो पर उसको पूरा करने के लिए राहुल गांधी जैसे लोग कांग्रेस में दिन रात काम कर रहे हैं, इनको चुपचाप घर बिठाकर पार्टी की कमान बड़े नेताओं को संभालना चाहिए वरना दुर्गति होने ही वाली है।।

-पवन सिंह "अभिव्यक्त"
मो. 9406601993